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बृजभूषण सिंह के खिलाफ 4 गवाह सामने आए:2 महिला रेसलर, कोच और इंटरनेशनल रेफरी; 4 मंत्रियों की टीम कर सकती है पहलवानों से बातचीत




WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और रेसलर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया।



यौन शोषण के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।

ये सभी उन 125 गवाहों में शामिल हैं, जिन्हें इस केस में शामिल किया गया है। दिल्ली पुलिस आरोपों वाली जगह यानी 4 राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और कर्नाटक में इसकी जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपों की पुष्टि करने वाले गवाह ओलिंपियन और कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, दोनों महिला रेसलर हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच टीम को बताया कि बृजभूषण के सेक्सुअल हैरेसमेंट के बारे में घटना के एक महीने बाद केस दर्ज कराने वाली महिला रेसलर्स ने उन्हें बताया था।

शिकायत करने वालों में शामिल एक महिला पहलवान के कोच ने दिल्ली पुलिस की SIT को बताया कि बृजभूषण के सेक्सुअल फेवर मांगने के बारे में घटना के 6 घंटे बाद उन्हें फोन पर बताया गया था। इंटरनेशनल रेफरी ने कहा कि जब वे टूर्नामेंट के लिए इंडिया या विदेशों में जाते थे तो महिला रेसलर्स से उनकी इस परेशानी के बारे में सुनते थे।
केंद्र गिरफ्तारी पर राजी नहीं
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र पहलवानों की 5 मांगों को मानने को तैयार है। इनमें महिला कुश्ती कैंप लखनऊ से पटियाला, आरोपी कोच को हटाने, WFI को सस्पेंड करने, पहलवानों पर दर्ज दंगे के केस वापस लेने और महिला कुश्ती की कमान किसी महिला को सौंपना शामिल है।

मगर, बृजभूषण की गिरफ्तारी और फेडरेशन से पूरी तरह बेदखल करने की शर्त पर सरकार राजी नहीं है। सरकार का कहना है कि पहलवान चाहें किसी भी एजेंसी से जांच करा लें, लेकिन वे सीधे बृजभूषण को गिरफ्तार करने का आदेश नहीं दे सकते। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने को लेकर भी सरकार की शर्त है कि पहलवान धरना छोड़ खेल में लौटें।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण और पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया।

4 मंत्रियों की टीम कर सकती है पहलवानों से बात
केंद्र पहलवानों से बातचीत के लिए 4 मंत्रियों की कमेटी बना रहा है। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, एक महिला मंत्री के अलावा 2 और मंत्री होंगे। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'तीनों पहलवान (विनेश, साक्षी और बजरंग) इंतजार करें। मामला गंभीर है। कानूनी प्रक्रिया के हिसाब से जांच हो रही है। जांच कमेटी की सारी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को दे चुके हैं। इस मामले में जल्द चार्जशीट पेश होगी।
वहीं, शुक्रवार को कुरुक्षेत्र में हुई महापंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को 9 जून तक बृजभूषण को अरेस्ट करने का टाइम दिया है। उसके बाद 11 जून को खुद पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन के लिए छोड़ने जाएंगे।



बृजभूषण के खिलाफ 2 FIR सामने आई
बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस की दर्ज 2 FIR सामने आ चुकी हैं। एक FIR में नाबालिग पहलवान ने आरोप लगाए कि बृजभूषण ने फोटो खींचने के बहाने जबरन उसे बाहों में पकड़ा। बृजभूषण ने कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा। फिर उसे कमरे में बुलाकर जबरन फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश की। जब वह नहीं मानी तो ट्रायल में उसे परेशान किया।
दूसरी FIR में 6 बालिग पहलवानों ने शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बृजभूषण पर आरोप लगाए कि उन्हें जबरन पकड़ा। सांस चैक करने के बहाने टी-शर्ट उतारी। उनके सीने और पेट पर हाथ फेरा। चोट का इलाज करवाने के बहाने सेक्सुअल फेवर मांगा। अगर किसी पहलवान ने इसका विरोध जताया तो उसे धमकाया कि आगे कॉम्पिटिशन नहीं खेलने हैं क्या?। एक पहलवान को कमरे में बुलाकर बेड पर लेटने को कहा।



​​​​​​1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम ने किया पहलवानों का समर्थन

वर्ष 1983 का वर्ल्ड कप जीतने वाली इंडियन क्रिकेट टीम ने बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों का समर्थन किया है। कपिल देव की अगुवाई वाली टीम में शामिल सुनील गावस्कर, रोजर बिन्नी, दिलीप वेंगसरकर और मदनलाल समेत कई खिलाड़ियों ने शुक्रवार को जारी जाइंट स्टेटमेंट में लिखा- ‘हम पहलवानों के साथ हो रही बदतमीजी से व्यथित हैं। हमें चिंता इस बात की है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को गंगा नदी में बहाने की सोच रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि उनकी शिकायतों को सुनकर जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। 

पढ़िए.. इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
31 मई को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण की गिरफ्तारी लायक सबूत नहीं है। इस पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इसका खंडन किया और कहा- जांच जारी है। बाद में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।


खापों का सरकार को अल्टीमेटम: कहा- बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं तो 9 जून को रेसलर फिर जंतर-मंतर पर बैठेंगे; FIR में टी-शर्ट उतरवाने का आरोप



रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों के समर्थन में शुक्रवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में खापों और किसान संगठनों की महापंचायत हुई। लगभग 5 घंटे चली इस महापंचायत में केंद्र सरकार को 9 जून तक का अल्टीमेटम दिया गया 

बॉक्सर विजेंदर बोले- लोगों को पता नहीं ओलिंपिक है क्या:कहा- गुटखा खाकर कहते हमारे पैसे दो, अगर सरकार चाहेगी तो हम पैसे दे देंगे



ओलंपियन और कांग्रेसी नेता बॉक्सर विजेंदर सिंह ने महिला पहलवानों का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है। विजेंदर ने कहा कि बहुत से लोगों को पता भी नहीं होगा कि ओलिंपिक क्या होता है। कई लोग गुटखा खाकर कहते हैं ये ओलिंपिक मेडल ही नहीं, हमारे पैसे भी दो। अगर सरकार चाहेगी तो हम पैसे भी दे देंगे। आप पहले मेडल लाकर दिखाओ, फिर बात करना

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