भोपाल में महाराणा प्रताप का बन रहा भव्य स्मारक, CM शिवराज ने किया भूमिपूजन; बोले- वो हैं भारत के मुकुट मणि
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भव्य महाराणा प्रताप स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को महाराणा प्रताप स्मारक के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना की एक ऐसी रचना हो जाए कि आने वाली पीढ़ियों के साथ ही हम सभी देखें तो महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व से परिचित हो जाएं।
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भव्य 'महाराणा प्रताप स्मारक' बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को 'महाराणा प्रताप स्मारक' के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित कई नेतागण मौजूद रहे।
क्या कुछ बोले CM शिवराज?
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मेवाड़ की शान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के भव्य स्मारक का भूमिपूजन कर ऐसा लग रहा है जैसे मेरा जीवन और मुख्यमंत्री बनना सार्थक हो गया।
चेतक पर चढ़ जिसने, भाला से दुश्मन संहारे थे,
मातृ भूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे।
झुके नहीं वह मुगलों से,अनुबंधों को ठुकरा डाला,
मातृभूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला।
इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जब तक सूरज-चांद रहेगा...महाराणा प्रताप जी का नाम अमर रहेगा। महाराणा प्रताप जी मेवाड़ के मुकुट मणि नहीं, बल्कि भारत के मुकुट मणि हैं। उनका नाम लेते ही रोम-रोम पुलकित हो जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि हल्दी घाटी जैसे कोई युद्ध हुआ होगा क्या? 30,000 हजार की सेना का मुकाबला 3,000 योद्धाओं ने किया। उन्होंने कहा,
मुगल जिनके नाम से कांपते थे, अकबर की सेना को जिन्होनें घुटनों पर ला दिया था, 72 किलो का कवच पहन कर और 80 किलों का भाला लिए दुश्मनों को चारों खाने चित करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप 72 किलो का कवच पहनते थे और मेरा तो वजन ही 72 किलो है।
महाराणा प्रताप स्मारक की खास बातेंकुंभलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होगी संरचना
महाराणा प्रताप की 20 फिट ऊंची प्रतिमा की होगी स्थापना
मेवाड़ वंश के वीरों के जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी
महाराणा प्रताप द्वारा वन में व्यतीत किए गए कालखंड का प्रदर्शन
चित्तौड़ में महाराणा कुम्भा द्वारा बनाये गये विजय स्तंभ की प्रतिकृति
2,000 लोगों की बैठक क्षमता वाला आकाशीय मंच
निकास मार्ग में प्रमुख युद्धों का चित्रण
परिसर में जन-सुविधाएं, कैफेटेरिया एवं दुकानों का निर्माण
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना की एक ऐसी रचना हो जाए कि आने वाली पीढ़ियों के साथ ही हम सभी देखें तो महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व से परिचित हो जाएं। इसलिए कुंभलगढ़ दुर्ग से महाराणा प्रताप स्मारक और संचरना प्रेरित होगी। उनकी भव्य प्रतिमा लगेगी। साथ ही उनके जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी लगेगी।
CM शिवराज की अहम घोषणाएंबुंदेलखंड के गौरव महाराज छत्रसाल के समाधि स्थल मऊ सहानिया (छतरपुर) में उनके जीवन और अवदान पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा। इस स्मारक में लाइट एंड साउंड शो भी होगा।
धुबेला में वर्तमान संग्रहालय का सुसज्जीकरण और विकास किया जाएगा।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भव्य महाराणा प्रताप स्मारक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को महाराणा प्रताप स्मारक के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना की एक ऐसी रचना हो जाए कि आने वाली पीढ़ियों के साथ ही हम सभी देखें तो महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व से परिचित हो जाएं।
भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भव्य 'महाराणा प्रताप स्मारक' बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को 'महाराणा प्रताप स्मारक' के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित कई नेतागण मौजूद रहे।
क्या कुछ बोले CM शिवराज?
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मेवाड़ की शान वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के भव्य स्मारक का भूमिपूजन कर ऐसा लग रहा है जैसे मेरा जीवन और मुख्यमंत्री बनना सार्थक हो गया।
चेतक पर चढ़ जिसने, भाला से दुश्मन संहारे थे,
मातृ भूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे।
झुके नहीं वह मुगलों से,अनुबंधों को ठुकरा डाला,
मातृभूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला।
इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि जब तक सूरज-चांद रहेगा...महाराणा प्रताप जी का नाम अमर रहेगा। महाराणा प्रताप जी मेवाड़ के मुकुट मणि नहीं, बल्कि भारत के मुकुट मणि हैं। उनका नाम लेते ही रोम-रोम पुलकित हो जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि हल्दी घाटी जैसे कोई युद्ध हुआ होगा क्या? 30,000 हजार की सेना का मुकाबला 3,000 योद्धाओं ने किया। उन्होंने कहा,
मुगल जिनके नाम से कांपते थे, अकबर की सेना को जिन्होनें घुटनों पर ला दिया था, 72 किलो का कवच पहन कर और 80 किलों का भाला लिए दुश्मनों को चारों खाने चित करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।
उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप 72 किलो का कवच पहनते थे और मेरा तो वजन ही 72 किलो है।
महाराणा प्रताप स्मारक की खास बातेंकुंभलगढ़ दुर्ग से प्रेरित होगी संरचना
महाराणा प्रताप की 20 फिट ऊंची प्रतिमा की होगी स्थापना
मेवाड़ वंश के वीरों के जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी
महाराणा प्रताप द्वारा वन में व्यतीत किए गए कालखंड का प्रदर्शन
चित्तौड़ में महाराणा कुम्भा द्वारा बनाये गये विजय स्तंभ की प्रतिकृति
2,000 लोगों की बैठक क्षमता वाला आकाशीय मंच
निकास मार्ग में प्रमुख युद्धों का चित्रण
परिसर में जन-सुविधाएं, कैफेटेरिया एवं दुकानों का निर्माण
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक की संरचना की एक ऐसी रचना हो जाए कि आने वाली पीढ़ियों के साथ ही हम सभी देखें तो महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व से परिचित हो जाएं। इसलिए कुंभलगढ़ दुर्ग से महाराणा प्रताप स्मारक और संचरना प्रेरित होगी। उनकी भव्य प्रतिमा लगेगी। साथ ही उनके जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी लगेगी।
CM शिवराज की अहम घोषणाएंबुंदेलखंड के गौरव महाराज छत्रसाल के समाधि स्थल मऊ सहानिया (छतरपुर) में उनके जीवन और अवदान पर भव्य स्मारक बनाया जाएगा। इस स्मारक में लाइट एंड साउंड शो भी होगा।
धुबेला में वर्तमान संग्रहालय का सुसज्जीकरण और विकास किया जाएगा।