यूपी: विपक्षी दलों के 143 सांसदों के निलंबन के विरोध में सड़कों पर उतरा इंडिया गठबंधन, हुए प्रदर्शन
पूरे देश में ये प्रदर्शन इंडिया गठबंधन के आह्वान पर किए गए। समाजवादी पार्टी ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ धरना दिया।
सपा ने प्रदेश में कई जगहों पर जताया विरोध।
सांसदों के निलंबन के खिलाफ सपा और कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया। किन्हीं जिलों में दोनों दलों ने एक साथ, तो तमाम जिलों में अलग-अलग प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
पूरे देश में ये प्रदर्शन इंडिया गठबंधन के आह्वान पर किए गए। समाजवादी पार्टी ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ धरना दिया। सपा नेताओं ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और भाजपा सरकार की कथित किसान, नौजवान, गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ आक्रोश जताया।
सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि मैनपुरी समेत कई स्थानों पर कांग्रेस और सपा ने मिलकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जहां जैसी परिस्थिति थी, उसके अनुसार सपा और कांग्रेस ने साथ-साथ या अलग-अलग प्रदर्शन किए। सहारनपुर और सुल्तानपुर में दोनों दलों ने सयुंक्त प्रदर्शन किया। इस मुद्दे पर सभी घटक दलों में पूर्ण सहमति है।
लोकतंत्र की हत्या बंद करो के नारों से गूंजा कलेक्ट्रेट
विपक्षी दलों के 143 सांसदों के निलंबन के विरोध में शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने सड़क पर उतर कर लखनऊ में प्रदर्शन किया। कांग्रेस, सपा, भाकपा माले, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य दलों के कार्यकर्ताओं ने परिवर्तन चौक से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाल कर सांसदों के निलंबन को संसदीय लोकतंत्र के लिये काला दिन करार दिया। गठबंधन के घटक दलों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर निलंबित सांसदों को बहाल करने, संसद की सुरक्षा चूक की निष्पक्ष जाच कराने, विपक्ष के सवालों के जवाब प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से दिलवाने, जातिगत जनगणना कराने सहित अन्य मांग की।
इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश सिंह की अगुवाई तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत और महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित के संयुक्त नेतृत्व में परिवर्तन चौक पहुंचे थे। इसके अलावा भाकपा माले के कार्यकर्ताओं की अगुवाई जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर कर रहे थे। सभी दलों के कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुये कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश सिंह ने सांसदों के निलंबन को संसदीय लोकतंत्र के लिये काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की गैरमौजूदगी में बिना बहस कई अहम बिल पास करा लिये गये। जिलाध्यक्ष श्री वेद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने सांसदों का निलंबन कर लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत ने सांसदों के निलंबन को संविधान पर सवालिया निशान बताते हुये कहा कि मौजूदा सरकार देश में तानाशाही कर रही है। सपा नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित ने कहा कि मौजूदा सरकार में देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे मे है। सरकार ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को धमकाने के लिये कर रही है।
सपा ने प्रदेश में कई जगहों पर जताया विरोध।
सांसदों के निलंबन के खिलाफ सपा और कांग्रेस ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया। किन्हीं जिलों में दोनों दलों ने एक साथ, तो तमाम जिलों में अलग-अलग प्रदर्शन करके अपना विरोध जताया। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
पूरे देश में ये प्रदर्शन इंडिया गठबंधन के आह्वान पर किए गए। समाजवादी पार्टी ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ धरना दिया। सपा नेताओं ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और भाजपा सरकार की कथित किसान, नौजवान, गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ आक्रोश जताया।
सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि मैनपुरी समेत कई स्थानों पर कांग्रेस और सपा ने मिलकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि जहां जैसी परिस्थिति थी, उसके अनुसार सपा और कांग्रेस ने साथ-साथ या अलग-अलग प्रदर्शन किए। सहारनपुर और सुल्तानपुर में दोनों दलों ने सयुंक्त प्रदर्शन किया। इस मुद्दे पर सभी घटक दलों में पूर्ण सहमति है।
लोकतंत्र की हत्या बंद करो के नारों से गूंजा कलेक्ट्रेट
विपक्षी दलों के 143 सांसदों के निलंबन के विरोध में शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने सड़क पर उतर कर लखनऊ में प्रदर्शन किया। कांग्रेस, सपा, भाकपा माले, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य दलों के कार्यकर्ताओं ने परिवर्तन चौक से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाल कर सांसदों के निलंबन को संसदीय लोकतंत्र के लिये काला दिन करार दिया। गठबंधन के घटक दलों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर निलंबित सांसदों को बहाल करने, संसद की सुरक्षा चूक की निष्पक्ष जाच कराने, विपक्ष के सवालों के जवाब प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से दिलवाने, जातिगत जनगणना कराने सहित अन्य मांग की।
इंडिया गठबंधन के घटक दल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश सिंह की अगुवाई तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत और महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित के संयुक्त नेतृत्व में परिवर्तन चौक पहुंचे थे। इसके अलावा भाकपा माले के कार्यकर्ताओं की अगुवाई जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर कर रहे थे। सभी दलों के कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुये कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश सिंह ने सांसदों के निलंबन को संसदीय लोकतंत्र के लिये काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की गैरमौजूदगी में बिना बहस कई अहम बिल पास करा लिये गये। जिलाध्यक्ष श्री वेद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने सांसदों का निलंबन कर लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार किया है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत ने सांसदों के निलंबन को संविधान पर सवालिया निशान बताते हुये कहा कि मौजूदा सरकार देश में तानाशाही कर रही है। सपा नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित ने कहा कि मौजूदा सरकार में देश का लोकतंत्र और संविधान खतरे मे है। सरकार ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को धमकाने के लिये कर रही है।