कोरोना महामारी के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे। जिन्होंने हार मानने के बजाए नए काम को शुरू किया था। भूटान के टूर गाइड चेकी दोरजी भी उन्हीं में से एक हैं। जिन्होंने टूर गाइड का काम छोड़ मुर्गी पालन शुरु किया।
Bhutan: कोरोना महामारी ने छीना पर्यटन उद्योग से रोजगार तो चेकी दोरजी ने शुरू किया मुर्गी फार्म
थिम्पू (भूटान), एजेंसी। कोरोना के समय जब हर देश लॉकडाउन का सामना कर रहा था। सभी अपने काम को लेकर परेशान थे तो बहुत लोगों ने अपना काम बदल लिया और नए बिजनेस की शुरुआत की। कुछ ऐसा ही किया भूटान के टूर गाइड चेकी दोरजी ने, उन्होंने टूर गाइड का काम छोड़ मुर्गी पालन का काम शुरू किया।
चेकी दोरजी ने संघर्ष के दिनों को किया याद
भूटान के एक पूर्व टूर गाइड चेकी दोरजी ने बताया कि 2021 में COVID-19 महामारी के बाद उसने अपने काम को छोड़ने का निर्णय लिया और उसके बजाए उसने मुर्गी पालन में आने का फैसला किया। चेकी ने कहा कि मुर्गी पालन के क्षेत्र में आना उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। पहले उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
COVID-19 के गांव लौट आए थे चेकी
चेकी ने न केवल रोजगार की संभावनाएं पैदा करके जोखिम उठाया, बल्कि बड़ी परियोजना की मदद से आयात प्रतिस्थापन में भी योगदान दिया। चेकी ने कहा देश में COVID-19 के प्रकोप के बाद मैंने टूरिस्ट गाइड के काम छोड़ने और अपने गांव लौटने का फैसला किया था।
चेकी के पास हैं 1,500 चूजे
चेकी ने बताया कि मैंने 500 चूजों के साथ इस ब्रॉयलर फार्म की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मेरे पास 1,500 चूजे हैं। मैं बड़ी परियोजना से मिलने वाले धन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। जब मुझे वित्त पोषण मिलेगा तो मैं अपने फार्म का विस्तार करने की योजना बना रहा हूं।
नए बजट के इंतजार में है चेकी
चेकी के पास भविष्य में अपनी खेती के लिए बड़ी योजनाएं हैं। वह दूसरे बजट की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं, जो उन्हें अपने खेत को बढ़ाने के लिए धन मुहैया कराएगा। चेकी अब अपना समय और ऊर्जा अपने खेत पर 1,300 ब्रॉयलर मुर्गियों की देखभाल करने में लगा रहे हैं।
Bhutan: कोरोना महामारी ने छीना पर्यटन उद्योग से रोजगार तो चेकी दोरजी ने शुरू किया मुर्गी फार्म
थिम्पू (भूटान), एजेंसी। कोरोना के समय जब हर देश लॉकडाउन का सामना कर रहा था। सभी अपने काम को लेकर परेशान थे तो बहुत लोगों ने अपना काम बदल लिया और नए बिजनेस की शुरुआत की। कुछ ऐसा ही किया भूटान के टूर गाइड चेकी दोरजी ने, उन्होंने टूर गाइड का काम छोड़ मुर्गी पालन का काम शुरू किया।
चेकी दोरजी ने संघर्ष के दिनों को किया याद
भूटान के एक पूर्व टूर गाइड चेकी दोरजी ने बताया कि 2021 में COVID-19 महामारी के बाद उसने अपने काम को छोड़ने का निर्णय लिया और उसके बजाए उसने मुर्गी पालन में आने का फैसला किया। चेकी ने कहा कि मुर्गी पालन के क्षेत्र में आना उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। पहले उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
COVID-19 के गांव लौट आए थे चेकी
चेकी ने न केवल रोजगार की संभावनाएं पैदा करके जोखिम उठाया, बल्कि बड़ी परियोजना की मदद से आयात प्रतिस्थापन में भी योगदान दिया। चेकी ने कहा देश में COVID-19 के प्रकोप के बाद मैंने टूरिस्ट गाइड के काम छोड़ने और अपने गांव लौटने का फैसला किया था।
चेकी के पास हैं 1,500 चूजे
चेकी ने बताया कि मैंने 500 चूजों के साथ इस ब्रॉयलर फार्म की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मेरे पास 1,500 चूजे हैं। मैं बड़ी परियोजना से मिलने वाले धन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। जब मुझे वित्त पोषण मिलेगा तो मैं अपने फार्म का विस्तार करने की योजना बना रहा हूं।
नए बजट के इंतजार में है चेकी
चेकी के पास भविष्य में अपनी खेती के लिए बड़ी योजनाएं हैं। वह दूसरे बजट की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं, जो उन्हें अपने खेत को बढ़ाने के लिए धन मुहैया कराएगा। चेकी अब अपना समय और ऊर्जा अपने खेत पर 1,300 ब्रॉयलर मुर्गियों की देखभाल करने में लगा रहे हैं।