भाजपा से की थी सियासी पारी की शुरुआत, अब बनाए गए JDU के कार्यकारी अध्यक्ष; पढ़ें इनका राजनीतिक सफर
शनिवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में शनिवार को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बड़ी खबर सामने आई है। इस बैठक में जदयू ने संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है और इस पर पार्टी के नेताओं ने इस पर सहमति भी दे दी है। तो यहां पढ़ें संजय झा के पॉलिटिकल सफर के बारे में जानकारी।
शनिवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में शनिवार को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से बड़ी खबर सामने आई है। इस बैठक में जदयू ने संजय झा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है और इस पर पार्टी के नेताओं ने इस पर सहमति भी दे दी है। तो यहां पढ़ें संजय झा के पॉलिटिकल सफर के बारे में जानकारी।
Sanjay Jha Political Career दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में शनिवार को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संजय झा को जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी गई है।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संजय झा के नाम का प्रस्ताव लाया, जिस पर जेडीयू के नेताओं ने सर्वसम्मति से सहमति दे दी। संजय झा नीतीश कुमार के करीबी नेता माने जाते हैं। आइए आपको बताते हैं संजय झा के सियासी सफर के बारे में...
BJP से की सियासी पारी की शुरुआत
बता दें कि संजय कुमार ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भाजपा से की थी और बाद में ये जदयू से जुड़ गए। वर्तमान में ये जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं और भाजपा में रहते हुए ये विधान पार्षद भी चुने गए थे। इसके अलावा ये राज्य योजना पर्षद के सदस्य भी रह चुके हैं। संजय झा की एक साफ छवी वाले नेता माने जाते हैं और इनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।
संजय झा भाजपा नेता अरूण जेटली और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी भी माने जाते हैं। साल 2014 में जदयू के टिकट पर लड़ा था चुनाव और हार का करना पड़ा सामना। विधान परिषद् उप चुनाव में सांसद एक बार फिर जदयू उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध विधान पार्षद चुने गए थे।
दरभंगा से नहीं मिल सका था टिकट
संजय झा ने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी दरभंगा से ही जदयू के टिकट पर चुनाव लडने की पूरी तैयारी की थी, लेकिन यह सीट भाजपा के कोटे में चली गई और इस कारण ये चुनाव नहीं लड़ पाए।
साल 2014 में हुए लोकसभा आम चुनाव में संजय झा ने जदयू के टिकट पर दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उस समय भी हार का सामना करना पड़ा था। मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम गांव के रहने वाले संजय झा ने जेएनयू विवि दिल्ली से इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संजय झा के नाम का प्रस्ताव लाया, जिस पर जेडीयू के नेताओं ने सर्वसम्मति से सहमति दे दी। संजय झा नीतीश कुमार के करीबी नेता माने जाते हैं। आइए आपको बताते हैं संजय झा के सियासी सफर के बारे में...
BJP से की सियासी पारी की शुरुआत
बता दें कि संजय कुमार ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भाजपा से की थी और बाद में ये जदयू से जुड़ गए। वर्तमान में ये जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं और भाजपा में रहते हुए ये विधान पार्षद भी चुने गए थे। इसके अलावा ये राज्य योजना पर्षद के सदस्य भी रह चुके हैं। संजय झा की एक साफ छवी वाले नेता माने जाते हैं और इनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।
संजय झा भाजपा नेता अरूण जेटली और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी भी माने जाते हैं। साल 2014 में जदयू के टिकट पर लड़ा था चुनाव और हार का करना पड़ा सामना। विधान परिषद् उप चुनाव में सांसद एक बार फिर जदयू उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध विधान पार्षद चुने गए थे।
दरभंगा से नहीं मिल सका था टिकट
संजय झा ने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी दरभंगा से ही जदयू के टिकट पर चुनाव लडने की पूरी तैयारी की थी, लेकिन यह सीट भाजपा के कोटे में चली गई और इस कारण ये चुनाव नहीं लड़ पाए।
साल 2014 में हुए लोकसभा आम चुनाव में संजय झा ने जदयू के टिकट पर दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उस समय भी हार का सामना करना पड़ा था। मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम गांव के रहने वाले संजय झा ने जेएनयू विवि दिल्ली से इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है।