पहले चरण में 11 नगर निगम में कल मतदान, कुल 133 नगरीय निकायों में होगी वोटिंग।
नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के प्रचार का शोर सोमवार शाम 5 बजे से थम गया। इस चरण में 11 नगर निगम में 6 जुलाई को मतदान होगा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में अपनी नगर सरकार बनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने सारी ताकत झोंक दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 16 नगर निगम वाले सारे शहरों में जनता के बीच जाकर दस्तक दे चुके हैं तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी 11 निगम में प्रचार कर चुके हैं। मुख्यमंत्री जहां रोड-शो, जनसभा से लेकर नुक्कड़ सभा तक कर रहे हैं, दूसरी और कमलनाथ का फोकस प्रमुख शहरों में बड़ी सभाएं करने पर रहा।
इसके उलट केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री प्रचार के आखिरी दौर में अपने ही इलाकों में फंस गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अपने जिलों वाले नगरीय निकायों में डटे रहे। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में 6 जुलाई को 133 नगरीय निकायों में मतदान होगा। इसमें प्रमुख शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली और सतना नगर निगम की वोटिंग होगी।
भाजपा और कांग्रेस के दो सबसे बड़े नेताओं का कैंपेन
शिवराज: सुबह से रात तक सक्रिय
22 जून से कैंपेन तेज किया। सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक नियमित रोड शो और सभाएं कर रहे हैं।
रोजाना तीन से चार निगम में पहुंचते हैं। सारे 16 नगर निगम में एक-एक बार प्रचार कर दिया है।
दूसरे चरण वाले निगमों में भी एक बार पहुंच चुके हैं।
आखिरी दिन इंदौर में रोड शो। एक ही दिन में आठ जनसभाएं।
कमलनाथ: प्रमुख शहरों में पहुंचे
24 जून से रोजाना कैंपेन। एक दिन में तीन से चार शहर की जगह एक या दो निगम पर फोकस।
अपने गढ़ छिंदवाड़ा पर ज्यादा जोर। अब तक तीन बार जा चुके हैं।
सिंगरौली, सागर, सतना, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, खंडवा, बुरहानपुर में सभा हुई।
सोमवार को भोपाल में रोड शो करने के साथ ही सभाएं की।
दिग्विजय के पास असंतुष्टों को मनाने का जिम्मा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह ने पूरे चुनाव अभियान में असंतुष्टों को मनाने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में ताकत लगाई। वे भोपाल में डटे रहे। उन्होंने चुनाव के अंतिम दौर में भोपाल में फोकस किया। यहीं पर बड़ी सभाएं की है।
दोनों दलों के बड़े नेताओं के प्रचार का ब्योरा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खंडवा और इंदौर में बाइक रैली के अलावा रोड शो किया। सोमवार को सागर और जबलपुर में रहे। जबलपुर में सांसद मनोज तिवारी के साथ प्रचार किया।
भोपाल में भाजपा प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने भी आखिरी दिन रोड शो किया। कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर में रहे।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-इंदौर में प्रचार किया। सिंधिया ने आखिरी दिन ग्वालियर को दिया।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का सारा ध्यान ग्वालियर और मुरैना नगर निगम पर है।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और वीरेंद्र खटीक बुंदेलखंड में फंसे हुए हैं। राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को भी अपने गृह जिले में रहने को कहा गया है। ये मंत्री अपने शहर में ही चुनाव प्रचार में जुटे है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव निमाड़ अंचल में चुनावी सभाओं में सक्रिय रहे। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा उज्जैन-देवास नगर निगम के लिए प्रचार करते रहे।
नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के प्रचार का शोर सोमवार शाम 5 बजे से थम गया। इस चरण में 11 नगर निगम में 6 जुलाई को मतदान होगा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में अपनी नगर सरकार बनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने सारी ताकत झोंक दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 16 नगर निगम वाले सारे शहरों में जनता के बीच जाकर दस्तक दे चुके हैं तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी 11 निगम में प्रचार कर चुके हैं। मुख्यमंत्री जहां रोड-शो, जनसभा से लेकर नुक्कड़ सभा तक कर रहे हैं, दूसरी और कमलनाथ का फोकस प्रमुख शहरों में बड़ी सभाएं करने पर रहा।
इसके उलट केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री प्रचार के आखिरी दौर में अपने ही इलाकों में फंस गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी अपने जिलों वाले नगरीय निकायों में डटे रहे। नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में 6 जुलाई को 133 नगरीय निकायों में मतदान होगा। इसमें प्रमुख शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली और सतना नगर निगम की वोटिंग होगी।
भाजपा और कांग्रेस के दो सबसे बड़े नेताओं का कैंपेन
शिवराज: सुबह से रात तक सक्रिय
22 जून से कैंपेन तेज किया। सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक नियमित रोड शो और सभाएं कर रहे हैं।
रोजाना तीन से चार निगम में पहुंचते हैं। सारे 16 नगर निगम में एक-एक बार प्रचार कर दिया है।
दूसरे चरण वाले निगमों में भी एक बार पहुंच चुके हैं।
आखिरी दिन इंदौर में रोड शो। एक ही दिन में आठ जनसभाएं।
कमलनाथ: प्रमुख शहरों में पहुंचे
24 जून से रोजाना कैंपेन। एक दिन में तीन से चार शहर की जगह एक या दो निगम पर फोकस।
अपने गढ़ छिंदवाड़ा पर ज्यादा जोर। अब तक तीन बार जा चुके हैं।
सिंगरौली, सागर, सतना, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, खंडवा, बुरहानपुर में सभा हुई।
सोमवार को भोपाल में रोड शो करने के साथ ही सभाएं की।
दिग्विजय के पास असंतुष्टों को मनाने का जिम्मा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजयसिंह ने पूरे चुनाव अभियान में असंतुष्टों को मनाने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में ताकत लगाई। वे भोपाल में डटे रहे। उन्होंने चुनाव के अंतिम दौर में भोपाल में फोकस किया। यहीं पर बड़ी सभाएं की है।
दोनों दलों के बड़े नेताओं के प्रचार का ब्योरा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खंडवा और इंदौर में बाइक रैली के अलावा रोड शो किया। सोमवार को सागर और जबलपुर में रहे। जबलपुर में सांसद मनोज तिवारी के साथ प्रचार किया।
भोपाल में भाजपा प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने भी आखिरी दिन रोड शो किया। कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री तुलसी सिलावट इंदौर में रहे।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-इंदौर में प्रचार किया। सिंधिया ने आखिरी दिन ग्वालियर को दिया।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का सारा ध्यान ग्वालियर और मुरैना नगर निगम पर है।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और वीरेंद्र खटीक बुंदेलखंड में फंसे हुए हैं। राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को भी अपने गृह जिले में रहने को कहा गया है। ये मंत्री अपने शहर में ही चुनाव प्रचार में जुटे है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव निमाड़ अंचल में चुनावी सभाओं में सक्रिय रहे। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा उज्जैन-देवास नगर निगम के लिए प्रचार करते रहे।