शिक्षा का उपयोग देश सेवा के लिए करें - श्री विश्वविभूषण हरिचंदन
12वीं बोर्ड में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया राज्यपाल ने
शिक्षा और ज्ञान सदैव मानवता के विकास के लिए प्राथमिकता रखते हैं। उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षा आवश्यक है। विद्यार्थी शिक्षा पूर्ण करने के बाद विभिन्न क्षेत्र में अपना कार्य उत्कृष्टता से करते हुए देश को गौरान्वित करें। समाज के गरीब, शोषित और पिछडे़ वर्ग के उत्थान के लिए कार्य करें। सरकार ने इन वर्गाे के लिए अनेक योजनाएं बनाई है जिसका लाभ जरूरत मंद तक पहुंचाए।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ के 12वीं बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं सम्मानित करते हुए यह उद्गार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम एक निजी चैनल द्वारा मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था।
आई.बी.सी. 24 चैनल द्वारा अपने एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के 12वीं बोर्ड परीक्षा में प्रत्येक जिले से प्रथम आने वाले छात्रा को 50 हजार रूपये नगद और प्रदेश में प्रथम आने वाले छात्रा तथा उसके स्कूल को एक-एक लाख रूपये नगद स्कॉलरशिप साथ ही प्रत्येक संभाग में प्रथम आने वाले छात्र को 50 हजार रूपये की स्कॉलरशिप प्रदान की गई सभी विद्यार्थियों को राज्यपाल ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, भी विशेष रूप से उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री हरिचंदन ने मेधावी छात्र-छात्राओं के साथ उनके परिवार जनों और गुरूजनों को भी बधाई दी, जिनका मार्गदर्शन विद्यार्थियों को उच्च सफलता तक पहुंचने में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि इस स्कॉलरशिप से विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि उनके जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में भी सहायक साबित होगी। युवा वर्ग को समझना और समर्थन करना हमारे समाज का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के सरंक्षण और प्रोत्साहन के लिए इस तरह का कार्यक्रम सतत् होना चाहिए।
श्री हरिचंदन ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा मूलभूत अधिकार है जिसे हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति को प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। हमे गर्व है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहा है। युवा वर्ग अपनी पढ़ाई में सक्रियता, उत्साह और परिश्रम से न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का मान बढ़ा रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कदम उठाये गये है। भारत में लिंगानुपात में समानता लाने और महिलाओं में शिक्षा की प्रसार के उद्देश्य को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के पहल पर ‘‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ‘‘ योजना लाई गयी। जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बालिकाओं और महिलाओं की शिक्षा में भागेदारी बढ़ाने के लिए प्रावधान किये गए हैं जिसमें जेन्डर - समावेशी कोष की स्थापना एक नया और क्रांतिकारी कदम है।
राज्यपाल ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले रायगढ़ जिले के विकास खण्ड पुसौर की मेधावी छात्रा कुमारी विधि भोसले के साथ-साथ उसके स्कूल अभिनव विद्या मंदिर को भी स्कॉलरशिप प्रदान करने के लिए चैनल की पहल को एक अच्छी परंपरा की शुरूआत बताते हुए कहा कि इससे अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा और वे विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए अधिक प्रयत्न शील होंगे।
कार्यक्रम में सरगुजा संभाग की तेजल सिंह, प्रिया रोहरा, मेनका सिंह और तृप्ति साहू, नीलम रत्नाकार, अर्चना कुमारी, श्रृष्टि गुर्जर, को अपने-अपने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया । इसी प्रकार बिलासपुर संभाग की आस्था चौधरी, ग्रेसी पोर्ते, तमन्ना पसाइत, श्रेया पाण्डेय, कृति अग्रवाल, सबा परवीन, दीक्षा सोनी, विधि भोसले, दुर्ग संभाग की कृतिका पांडेय, आंचल कसार, महिमा मलेकर, दिव्या साहू, मांडवी चंद्राकर, आशा साहू, महेश्वरी वर्मा, रायपुर संभाग की न्यासा देवांगन, रेशम खत्री, मीनाक्षी साहू, सानिया योगी, माधुरी साहू, रितु बंजारे, बस्तर संभाग की प्रियल देवांगन, दिव्या खूद, गीतांजलि साहू, वंदना सिन्हा, प्रतिज्ञा महतो, आयशा पारेख, ममता देहारी, और ब्लेशी कश्यप को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र राज्यपाल के हाथों प्रदान किया गया।
सरगुजा संभाग के टॉपर छात्र देवकुमार देवांगन, बस्तर संभाग के अभिषेक मोंडा, बिलासपुर संभाग विवेक अग्रवाल, दुर्ग संभाग के रितेश कुमार और रायपुर संभाग के कुंदन बियानी को पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
चैनल द्वारा टॉपर बेटियों, उनके माता-पिता और गुरूजनों के परिश्रम की प्रेरणादायी कहानियों को संकलित कर कॉफीटेबल बुक मेघा तैयार की गई है। जिसका विमोचन राज्यपाल ने किया साथ ही पांच अन्य क्षेत्रों से प्रसारित होने वाले यूटयूब चैनल की शुरूआत रिमोर्ट का बटन दबाकर किया।
कार्यक्रम में चैनल के सभी वरिष्ठ अधिकारी, संवाददाता, विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उनके अभिभावक उपस्थित थे।